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ड्राइंगरूम में मरता हुआ गुलाब
गुलाब
तू बदरंग हो गया है
बदरूप हो गया है
झुक गया है
तेरा मुँह चुचुक गया है
तू चुक गया है।
ऐसा तुझे देखकर
मेरा मन डरता है
फूल इतना डरावाना होकर...
ढोंग
कविताओं को किसी
आडम्बर की आवश्यकता नहीं
आकाश बादलों से प्रेम के लिए
धरा बारिश के उन्माद के लिए
निशा तारिकाओं से अनुरक्ति के लिए
विटप पखेरुओं से हेत...