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Ashok Kumar

अशोक कुमार की कविताएँ

साथ रहना कितना आसान है सबकी अपनी भाषा थी पहाड़ों की अपनी नदियों की अपनी और हमारी अपनी अलग मैं, पहाड़ और नदियाँ फिर भी साथ-साथ रहे सबसे सूखे दिनों को उदासी...
Ek Desh Barah Duniya - Shirish Khare

त्रासदियों की नींव पर घटती नयी त्रासदियों की कहानी

‘एक देश बारह दुनिया’ पुस्तक अनूठे भाषा-प्रवाह और दृश्य-बिम्बों के कारण अपने पहले पन्ने से ही पाठकों को बांधकर आगे बढ़ती हुई नज़र आती...
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