Tag: Bahadur Shah Zafar

Bahadur Shah Zafar

बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी

बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी जैसी अब है तेरी महफ़िल कभी ऐसी तो न थी ले गया छीन के कौन आज तिरा...
Bahadur Shah Zafar

ज़ुल्फ़ जो रुख़ पर तिरे ऐ मेहर-ए-तलअत खुल गई

ज़ुल्फ़ जो रुख़ पर तिरे ऐ मेहर-ए-तलअत खुल गई हम को अपनी तीरा-रोज़ी की हक़ीक़त खुल गई क्या तमाशा है रग-ए-लैला में डूबा नीश्तर फ़स्द-ए-मजनूँ बाइस-ए-जोश-ए-मोहब्बत खुल...
Bahadur Shah Zafar

न किसी की आँख का नूर हूँ

न किसी की आँख का नूर हूँ न किसी के दिल का क़रार हूँ जो किसी के काम न आ सके मैं वह एक मुश्‍तेग़ुबार...
Bahadur Shah Zafar

दिल की मेरी बेक़रारी

दिल की मेरी बेक़रारी मुझ से कुछ पूछो नहीं शब की मेरी आह-ओ-ज़ारी मुझ से कुछ पूछो नहीं बार-ए-ग़म से मुझ पे रोज़-ए-हिज्र में इक-इक घड़ी क्या...
Bahadur Shah Zafar

सूफ़ियों में हूँ न रिन्‍दों में, न मयख़्वारों में हूँ

सूफ़ियों में हूँ न रिन्‍दों में, न मयख़्वारों में हूँ, ऐ बुतो, बन्‍दा ख़ुदा का हूँ, गुनहगारों में हूँ! मेरी मिल्‍लत है मुहब्‍बत, मेरा मज़हब इश्‍क़...
Bahadur Shah Zafar

क्या कहें उनसे बुतों में हमने क्या देखा नहीं

क्या कहें उनसे बुतों में हमने क्या देखा नहीं जो यह कहते हैं सुना है, पर ख़ुदा देखा नहीं ख़ौफ़ है रोज़े-क़यामत का तुझे इस वास्ते तूने...
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