Tag: Balbir Singh Rang
ओ समय के देवता, इतना बता दो
ओ समय के देवता! इतना बता दो—
यह तुम्हारा व्यंग्य कितने दिन चलेगा?
जब किया, जैसा किया, परिणाम पाया
हो गए बदनाम ऐसा नाम पाया,
मुस्कुराहट के नगर...
मिलना तो मन का होता है
मिलना तो मन का होता है, तन की क्या दरकार बटोही।
जो मिलकर भी मिल न सके हों
सोचो तो उनकी मजबूरी,
धन्यवाद उसको जिसने की
और अधिक...
अभी निकटता बहुत दूर है
'Abhi Nikatata Bahut Door Hai', Hindi Kavita by Balbir Singh Rang
अभी निकटता बहुत दूर है,
अभी सफलता बहुत दूर है,
निर्ममता से नहीं, मुझे तो ममता...
पीछे जा रहा हूँ मैं
जो गए आगे
उन्हीं से प्रेरणा लेकर
जो रहे पीछे
उन्हें नव चेतना देकर
रंग ऐसा हूँ सभी पर छा रहा हूँ मैं
कौन कहता है कि पीछे जा...
आइए मरुभूमि में उद्यान की चर्चा करें
आइए मरुभूमि में उद्यान की चर्चा करें,
ध्वंस के सन्दर्भ में निर्माण की चर्चा करें।
निर्झरों, नदियों, तड़ागों की प्रगति को साधुवाद,
सिंधु में उठते हुए तूफ़ान...