Tag: Bashir Badr
सर से पा तक वो गुलाबों का शजर लगता है
सर से पा तक वो गुलाबों का शजर लगता है
बा-वज़ू हो के भी छूते हुए डर लगता है
मैं तेरे साथ सितारों से गुज़र सकता...
दुआ करो कि ये पौधा सदा हरा ही लगे
दुआ करो कि ये पौधा सदा हरा ही लगे
उदासियों में भी चेहरा खिला-खिला ही लगे
वो सादगी न करे कुछ भी तो अदा ही लगे
वो...
कोई फूल धूप की पत्तियों में
कोई फूल धूप की पत्तियों में हरे रिबन से बँधा हुआ
वो ग़ज़ल का लहजा नया-नया, न कहा हुआ, न सुना हुआ
जिसे ले गई है...
प्यार पंछी, सोच पिंजरा
प्यार पंछी, सोच पिंजरा, दोनों अपने साथ हैं,
एक सच्चा, एक झूठा, दोनों अपने साथ हैं।
आसमाँ के साथ हमको ये जमीं भी चाहिए,
भोर बिटिया, साँझ...