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देश-ज्ञान
आज जिस प्रकार के घुमक्कड़ों की दुनिया को आवश्यकता है, उन्हें अपनी यात्रा केवल 'स्वांत: सुखाय' नहीं करनी है। उन्हें हरेक चीज इस दृष्टि...
प्रेम
"स्त्री-पुरुष का एक-दूसरे के प्रति आकर्षण और उसका परिणाम मानव की सनातन समस्या है।"
"वस्तुत: हमारा झगड़ा प्रेम से नहीं है, प्रेम रहे, किंतु पंख भी साथ में रहें।"
"घुमक्कड़ का अंतिम जीवन पेंशन लेने का नहीं है। समय के साथ-साथ आदमी का ज्ञान और अनुभव बढ़ता जाता है, और उसको अपने ज्ञान और अनुभव से दुनिया को लाभ पहुँचाना है, तभी वह अपनी जिम्मेदारी और हृदय के भार को हल्का कर सकता है।"
धर्म और घुमक्कड़ी
"घुमक्कड़ जब तक कोई विशेष प्रयोजन न हो, किसी का जन्मस्थान नहीं पूछते और जात-पाँत पूछना तो घटिया श्रेणी के घुमक्कड़ों में ही देखा जाता है।"
स्त्री घुमक्कड़
"जहाँ स्त्रियों को अधिक दासता की बेड़ी में जकड़ा नहीं गया, वहाँ की स्त्रियाँ साहस-यात्राओं से बाज नहीं आतीं।"
"नारी भी आज के समाज के उसी तरह रोम-रोम में परतंत्रता की उन सूइयों से बिंधी है, जिन्हें पुरुषों के हाथों ने गाड़ा है। किसी को आशा नहीं रखनी चाहिए कि पुरुष उन सूइयों को निकाल देगा।"
"नारी का ब्याह, अगर उसके ऊपरी आवरण को हटा दिया जाय तो इसके सिवा कुछ नहीं है कि नारी ने अपनी रोटी-कपड़े और वस्त्राभूषण के लिए अपना शरीर सारे जीवन के निमित्त किसी पुरुष को बेच दिया है।"
"यह अच्छा तर्क है, स्त्री को पहले हाथ-पैर बाँधकर पटक दो और फिर उसके बाद कहो कि इतिहास में तो साहसी यात्रिणियों का कहीं नाम नहीं आता। यदि इतिहास में अभी तक साहस यात्रिणियों का उल्लेख नहीं आता, यदि पिछला इतिहास उनके पक्ष में नहीं है, तो आज की तरुणी अपना नया इतिहास बनायगी, अपने लिए नया रास्ता निकालेगी।"
घुमक्कड़ जातियों में
दुनिया के सभी देशों और जातियों में जिस तरह घूमा जा सकता है, उसी तरह वन्य और घुमक्कड़ जातियों में नहीं घूमा जा सकता,...
पिछड़ी जातियों में
"वह प्रेम कैसा जो आदमी की विवेक-बुद्धि पर परदा डाल दे, सारी प्रतिभा को बेकार कर दे?"
"बाहरवालों के लिए चाहे वह कष्ट, भय और रूखेपन का जीवन मालूम होता हो, लेकिन घुमक्कड़ी जीवन घुमक्कड़ के लिए मिसरी का लड्डू है, जिसे जहाँ से खाया जाय वहीं से मीठा लगता है।"
शिल्प और कला
"यूरोप में हरेक व्यक्ति कुछ-न-कुछ नाचना जानता है।"
एक घुमक्कड़ के लिए नृत्य, संगीत और वाद्य यंत्र सीखना, ख़ास तौर से बाँसुरी सीखना कितना फायदेमंद हो सकता है, पढ़िए राहुल सांकृत्यायन के 'घुमक्कड़ शास्त्र' के इस लेख में!
स्वावलंबन
"बढ़िया-से-बढ़िया होटलों में ठहरने, बढ़िया-से-बढ़िया विमानों पर सैर करने वालों को घुमक्कड़ कहना इस महान शब्द के प्रति भारी अन्याय करना है।"
विद्या और वय
"घुमक्कड़ को समाज पर भार बनकर नहीं रहना है। उसे आशा होगी कि समाज और विश्व के हरेक देश के लोग उसकी सहायता करेंगे, लेकिन उसका काम आराम से भिखमंगी करना नहीं है। उसे दुनिया से जितना लेना है, उससे सौ गुना अधिक देना है। जो इस दृष्टि से घर छोड़ता है, वही सफल और यशस्वी घुमक्कड़ बन सकता है।"
घूमना अगर आपकी रूचि में है और आप यह निश्चित नहीं कर पा रहे हैं कि घूमने के लिए घर छोड़कर निकल जाने की सही उम्र क्या है और उससे पहले क्या-क्या ऐसे काम हैं जो आपको कर लेने चाहिए तो 'घुम्मकड़ शास्त्र' का यह लेख आपकी मदद कर सकता है! :)
जंजाल तोड़ो
"घुमक्कड़ी का अंकुर क्या डंडे से पीटकर नष्ट किया जा सकता है?"
अगर आप दुनिया घूमना चाहते हैं लेकिन घर से बाहर नहीं निकल पाते, क्योंकि आपकी माता आपको इमोशनल ब्लैकमेल करती हैं या आपके पिता डाँट-डपट कर आपको घर पर बैठा देते हैं तो यह लेख आपके और आपके माता-पिता के लिए बहुत ज़रूरी है.. बस, अपने माता-पिता को अपने रिस्क पर पढ़ाइएगा! ;)