Tag: Bengal Famine 1943

Drought, Femine, Bengal

भूखा बंगाल

पूरब देस में डुग्गी बाजी, फैला सुख का हाल दुख की आगनी कौन बुझाए, सूख गए सब ताल जिन हाथों में मोती रोले, आज वही कंगाल आज...
Rangey Raghav

बाँध भाँगे दाओ

"लोग घर में मरते थे। बाज़ार में मरते थे। राह में मरते थे। जैसे जीवन का अन्तिम ध्येय मुट्ठी भर अन्न के लिए तड़प-तड़पकर मर जाना ही था।"
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