Tag: Busy Life

Prayag Shukla

समय न था

एक चिड़िया उड़ रही थी आकाश में, उसकी पूरी उड़ान देखने का समय न था। फूल हिल रहे थे कई-कई रंगों में, उनके रंग पहचानने का समय न था। थोड़ी बदली थी जो...
Gyanendrapati

आओ, चलें हम

आओ, चलें हम साथ दो क़दम हमक़दम हों दो ही क़दम चाहे दुनिया की क़दमताल से छिटक हाथ कहाँ लगते हैं मित्रों के हाथ घड़ी-दो घड़ी को घड़ीदार हाथ—जिनकी कलाई की...
Sanwar Daiya

कालान्तरण

"तुम्हारे चिकने शरीर पर हाथ फेरते समय शरीर की नसें झनझनाने की जगह रसोई में रखे खाली डिब्बे बजने लगते हैं जब भी गीत गुनगुनाने के लिए हिलाता हूँ होंठ मुँह से प्रसारित होने लगते हैं बाजार भाव..."
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