Tag: Butterfly
पंचतत्व (चींटी, तितली, पानी, गिलहरी और दरख़्त)
मेरे दोस्त
जब भी चलना
तो बाघ की तरह नहीं चलना
चलना चींटियों की तरह
सबके साथ बिना डरे, बिना थके,
बिना रुके, एकदम शान्त—केवल
अपने पथ पर
जब भी भरो...
तितली और बाबू
यह कहानी यहाँ सुनें:
https://youtu.be/62hcInPNDvU
बाबू है एक लड़का। छोटा-सा, प्यारा-सा, सुन्दर-सा, होशियार। लेकिन थोड़ा-सा नटखट। बाबू है तीसरी कक्षा में। इस बार दिल लगाकर पढ़ा।...
‘पीड़ा ही याद रही’ – दो कविताएँ
Poems: Manjula Bist
1
पीड़ा ही याद रही...
जिनमें भी सौन्दर्य था
वे नश्वर सिद्ध थे
पीड़ाओं में कभी सौन्दर्यबोध न था
सो वे अमर हैं!
इसीलिये ही तो
सारी तितलियों के...
तितलियाँ
'Titliyaan', a poem by Rajesh Joshi
हरी घास पर खरगोश
खरगोश की आँख में नींद
नींद में स्वप्न
चाँद का
चाँद में क्या?
चाँद में चरखा
चरखे में पोनी
पोनी में कतती
चाँदनी
चाँदनी...
मेरी कल्पनाओं की तितलियाँ
'Meri Kalpnaaon Ki Titliyaan', a poem by Pallavi Vinod.
मेरी कल्पनाओं की तितलियाँ
जिन्हें तुम्हारा साथ एक सुंदर उपवन सा आकृष्ट करता है
वो बैठना चाहती हैं
तुम्हारे...
तितली से
मेह बरसने वाला है
मेरी खिड़की में आ जा तितली।
बाहर जब पर होंगे गीले,
धुल जाएँगे रंग सजीले,
झड़ जाएगा फूल, न तुझको
बचा सकेगा छोटी तितली,
खिड़की में...
तितली
उँगलियों पर तितली बैठी है कभी?
क्या उसके पंखों को तुम्हारी कोशिकाओं ने स्पर्श किया है?
उसकी कोमलता की मीमांसा की है तुमने?
या उससे पूछा कि...