Tag: Calling

Jaishankar Prasad

मेरी आँखों की पुतली में

मेरी आँखों की पुतली में तू बनकर प्रान समा जा रे! जिससे कण-कण में स्पंदन हों मन में मलायानिल चंदन हों करुणा का नव अभिनन्दन हों वह जीवन गीत...
कॉपी नहीं, शेयर करें! ;)