Tag: बचपन
सुरक्षित बाड़, अप्राप्य बचपन
सुरक्षित बाड़
जब वह घूमती है
अपनी घर की चारदीवारी में
जैसे,
वह संसार की सबसे सुरक्षित बाड़ हो
तब मैं
उस बाड़ की समीप से टोह लेने लगती हूँ
कि...
मेरे बचपन का गाँव
नीले आकाश में खिलते
तारे अनगिनत,
आसमान की सैर को तरसते वृक्ष।
झाड़ियों के झुरमुट में
छिपे घोंसले अनगिनत,
कभी चलते कभी रुकते क़दमों के नीचे
आती गीली मिट्टी
और कभी...
मुठ्ठी भर बचपन
लाल रंग की गेंदें
भेज दी गयी हैं कारखानों में
जहाँ भरी जाती है अब
उनमें बारूद
सारे बल्ले, बनाये जा रहे हैं
अब बन्दूकें
अब दोनों मिल कर
मैदान में डट...
बचपन में दुस्वप्न बनी कोरेगाँव की यात्रा
हमारा परिवार मूल रूप से बांबे प्रसिडेंसी के रत्नागिरी जिले में स्थित डापोली तालुके का निवासी है। ईस्ट इंडिया कंपनी का राज शुरू होने...
पाठशाला
पढ़ाई की वजह से बचपन न मुरझा जाए, यह कितना ज़रूरी है, चंद्रधर शर्मा गुलेरी ने आज से लगभग सौ साल पहले बताया था! :)
बचपन की कहानियों का राजकुमार
हवा से तेज़ घोड़े पर सवार
बड़ी खतरनाक मुहिम पर निकला था
बचपन की कहानियों का राजकुमार।
चलने के पहले ही गुरु ने समझाया था
पहले गये हुए...
सत्य के प्रयोग अथवा आत्मकथा – बचपन
"मैं बहुत ही शरमीला लड़का था। घंटी बजने के समय पहुँचता और पाठशाला के बंद होते ही घर भागता। 'भागना' शब्द मैं जान-बूझकर लिख रहा हूँ, क्योंकि बातें करना मुझे अच्छा न लगता था। साथ ही यह डर भी रहता था कि कोई मेरा मजाक उड़ाएगा तो?"
मेरा नया बचपन
बार-बार आती है मुझको मधुर याद बचपन तेरी
गया ले गया तू जीवन की सबसे मस्त खुशी मेरी
चिंता-रहित खेलना-खाना वह फिरना निर्भय स्वच्छंद
कैसे भूला जा...
तुम्हारी आँखों का बचपन
तुम्हारी आँखों का बचपन!
खेलता था जब अल्हड़ खेल,
अजिर के उर में भरा कुलेल,
हारता था हँस-हँस कर मन,
आह रे वह व्यतीत जीवन!
तुम्हारी आँखों का बचपन!
साथ...