Tag: कोरोना

Mahendra Kumar Waqif

महेंद्र कुमार वाक़िफ़ की कविताएँ

मेरी निजता की परिधि में तुम अमावस का चाँद छुपता है गहरे सागर में नींद अंगड़ाइयों में छुप जाती है प्रेम लड़ता है तमाम प्रतिबन्धों से और हारकर छुप...
Alok Kumar Mishra

कविताएँ: जून 2021

सबक़ इस समय ने पढ़ाए हैं हमें कई सबक़ मसलन यही कि शब्दों से ज़्यादा स्पर्श में ताक़त होती है मिलने के अवसर गँवाना भूल नहीं, अपराध है और जीवन से...
Om Nagar

जीवन की बात

मैं इस हृदय विदारक समय में केवल जीवन के बारे में सोचता हूँ और उसे मेरी मृत्यु की चिन्ता लगी रहती है जबकि मैंने कई बार कहा भी क्या...
Gaurav Tripathi

तुम्हारे बाद

तुम्हें दफ़नाकर जाने वाले जानते हैं अपनी भाग-दौड़ तुम्हारी दवाइयों के लिए, वे नहीं जानते तुम्हारे साँस लेने के परिश्रम को वे जानते हैं गुहार जो लगायी उन्होंने, तुम्हारे...
Gaurav Bharti

बिखरा-बिखरा, टूटा-टूटा : कुछ टुकड़े डायरी के (तीन)

कल रात मैंने चश्मे के टूटे हुए काँच को जोड़ते हुए महसूस किया कि टूटे हुए को जोड़ना बहुत धैर्य का काम है। इसके...
Vijay Rahi

कविताएँ: मई 2021

महामारी में जीवन कोई ग़म नहीं मैं मारा जाऊँ अगर सड़क पर चलते-चलते ट्रक के नीचे आकर कोई ग़म नहीं गोहरा खा जाए मुझे खेत में रात को ख़ुशी की बात है अस्पताल...
Sleep, Death

मृत्यु, नहीं आते सपने इन दिनों, लौटना

मृत्यु नहीं आना चाहिए उसे जिस तरह वह आयी है उस तरह जीवन की अनुपस्थिति में निश्चित है आना उसका, पर इस अनिश्चित ढलते समय में वह आयी है आतातायी...
Gaurav Bharti

बिखरा-बिखरा, टूटा-टूटा : कुछ टुकड़े डायरी के (दो)

सम्वाद महज़ शब्दों से तो नहीं होता। जब शब्द चूक जाते हैं, तब स्पर्श की अर्थवत्ता समझ आती है। ग़ालिब कहते हैं— "मौत का...
Corona, Covid

उसकी आँखें खुली रहनी चाहिए थीं

(कोरोना से गुज़र गई एक अपरिचित की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल से गुज़रते हुए) 8 मई, 2021 सत्ता है मछली की आँख और दोनों कर्ता-धर्ता अर्जुन और 'ठाकुर' बने थे चूक...
Gaurav Bharti

कविताएँ: दिसम्बर 2020

1 हॉस्टल के अधिकांश कमरों के बाहर लटके हुए हैं ताले लटकते हुए इन तालों में मैं आने वाला समय देख रहा हूँ मैं देख रहा हूँ कमरों के भीतर अनियन्त्रित...
Indian Old Woman

कुछ जोड़ी चप्पलें, इमाम दस्ता

कुछ जोड़ी चप्पलें उन्हें फ़र्क़ नहीं पड़ता कि मनुष्य होने के दावे कितने झूठे पड़ चुके थे तुम्हारी आत्म संलिप्त दानशीलता के बावजूद, थोड़ा-सा भूगोल लिए आँखों में वे बस...
Lockdown Migration

उनके तलुओं में दुनिया का मानचित्र है

1 वे हमारे सामने थे और पीछे भी दाएँ थे और बाएँ भी वे हमारे हर तरफ़ थे बेहद मामूली कामों में लगे हुए बेहद मामूली लोग जो अपने...
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