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महेंद्र कुमार वाक़िफ़ की कविताएँ
मेरी निजता की परिधि में तुम
अमावस का चाँद छुपता है
गहरे सागर में
नींद अंगड़ाइयों में छुप जाती है
प्रेम लड़ता है तमाम प्रतिबन्धों से
और हारकर छुप...
कविताएँ: जून 2021
सबक़
इस समय ने पढ़ाए हैं हमें
कई सबक़
मसलन यही कि
शब्दों से ज़्यादा स्पर्श में ताक़त होती है
मिलने के अवसर गँवाना
भूल नहीं, अपराध है
और जीवन से...
जीवन की बात
मैं
इस हृदय विदारक समय में केवल
जीवन के बारे में सोचता हूँ
और उसे मेरी मृत्यु की चिन्ता लगी रहती है
जबकि मैंने कई बार कहा भी
क्या...
तुम्हारे बाद
तुम्हें दफ़नाकर जाने वाले
जानते हैं अपनी भाग-दौड़
तुम्हारी दवाइयों के लिए,
वे नहीं जानते तुम्हारे साँस लेने के परिश्रम को
वे जानते हैं गुहार
जो लगायी उन्होंने, तुम्हारे...
बिखरा-बिखरा, टूटा-टूटा : कुछ टुकड़े डायरी के (तीन)
कल रात मैंने चश्मे के टूटे हुए काँच को जोड़ते हुए महसूस किया कि टूटे हुए को जोड़ना बहुत धैर्य का काम है। इसके...
कविताएँ: मई 2021
महामारी में जीवन
कोई ग़म नहीं
मैं मारा जाऊँ अगर
सड़क पर चलते-चलते
ट्रक के नीचे आकर
कोई ग़म नहीं
गोहरा खा जाए मुझे
खेत में रात को
ख़ुशी की बात है
अस्पताल...
मृत्यु, नहीं आते सपने इन दिनों, लौटना
मृत्यु
नहीं आना चाहिए उसे जिस तरह
वह आयी है उस तरह
जीवन की अनुपस्थिति में
निश्चित है आना उसका,
पर इस अनिश्चित ढलते समय में
वह आयी है आतातायी...
बिखरा-बिखरा, टूटा-टूटा : कुछ टुकड़े डायरी के (दो)
सम्वाद महज़ शब्दों से तो नहीं होता। जब शब्द चूक जाते हैं, तब स्पर्श की अर्थवत्ता समझ आती है। ग़ालिब कहते हैं— "मौत का...
उसकी आँखें खुली रहनी चाहिए थीं
(कोरोना से गुज़र गई एक अपरिचित की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल से गुज़रते हुए)
8 मई, 2021
सत्ता है मछली की आँख
और दोनों कर्ता-धर्ता
अर्जुन और 'ठाकुर' बने थे
चूक...
कविताएँ: दिसम्बर 2020
1
हॉस्टल के अधिकांश कमरों के बाहर
लटके हुए हैं ताले
लटकते हुए इन तालों में
मैं आने वाला समय देख रहा हूँ
मैं देख रहा हूँ
कमरों के भीतर
अनियन्त्रित...
कुछ जोड़ी चप्पलें, इमाम दस्ता
कुछ जोड़ी चप्पलें
उन्हें फ़र्क़ नहीं पड़ता कि
मनुष्य होने के दावे कितने झूठे पड़ चुके थे
तुम्हारी आत्म संलिप्त दानशीलता के बावजूद,
थोड़ा-सा भूगोल लिए आँखों में
वे बस...
उनके तलुओं में दुनिया का मानचित्र है
1
वे हमारे सामने थे और पीछे भी
दाएँ थे और बाएँ भी
वे हमारे हर तरफ़ थे
बेहद मामूली कामों में लगे हुए बेहद मामूली लोग
जो अपने...