Tag: Cultural Exchange

Jaishankar Prasad

शरणागत

सिनेमा में जब कभी अंग्रेज़ों से हमारे सांस्कृतिक आदान-प्रदान का विषय सामने आता है तो बहुत बढ़ा-चढ़ाकर उन्हें अपने रंग में ढाल देने की परिस्थितियाँ दिखाई जाती हैं, चाहे 'पूरब और पश्चिम' हो या 'नमस्ते लंडन'! साहित्य में भी यह काम हो चुका है, इस कहानी के माध्यम से आप पढ़ सकते हैं... बस एक-दो उनकी संस्कृति की बातें जो इस कहानी में सामने आयीं और वाजिब थीं, वे भी अपना ली जातीं तो सोने पर सुहागा हो जाता।
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