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अन्धेरे के बारे में कुछ वाक्य
अन्धेरे में सबसे बड़ी दिक़्क़त यह थी कि वह किताब पढ़ना
नामुमकिन बना देता था।
पता नहीं शरारतन ऐसा करता था या किताब से डरता था
उसके मन...
गिरना
आपाधापी में गुज़रते समय से गुज़रकर
लगता है कि हम मनुष्य नहीं रहे
समय हो चले हैं
हम बस बीत रहे हैं—लगातार।
हमारा बीतना किसी निविड़ अन्धकार में...
अन्धेरे अकेले घर में
अन्धेरे अकेले घर में
अन्धेरी अकेली रात।
तुम्हीं से लुक-छिपकर
आज न जाने कितने दिन बाद
तुमसे मेरी मुलाक़ात।
और इस अकेले सन्नाटे में
उठती है रह-रहकर
एक टीस-सी अकस्मात्
कि कहने...
एक शाम सिर्फ़ अँधेरे से सजाई जाये
एक शाम सिर्फ़ अँधेरे से सजाई जाये
हवाएँ दबे पाऊँ आकर
स्लाइडिंग की दराज़ों में
बैठ जाएँ
तुम्हारी पिंडिलयों पर
मेरे पैर का अंगूठा लिख रहा हो
रात का सियाह...
बात और जज़्बात
1
हर तारा
यही कहता है
काली रात से
कि थमी रहो
चमकना है
कुछ देर अभी और...!
2
हर रोज़ सवेरे मैं उजालों को
पहन लेता हूँ और निखार लेता हूँ खुद...