Tag: Dashrath Masaniya

Premchand

प्रेमचंद

सन् अट्ठारह सौ अस्सी, लमही सुंदर ग्राम। प्रेमचंद को जनम भयो, हिन्दी साहित काम।। परमेश्वर पंचन बसें, प्रेमचंद कहि बात। हल्कू कम्बल बिन मरे, वही पूस की...
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