Tag: Death of a poem

Dharmvir Bharati

कविता की मौत

लादकर ये आज किसका शव चले? और इस छतनार बरगद के तले किस अभागन का जनाज़ा है रुका? बैठ इसके पाँयते, गर्दन झुका, कौन कहता है कि कविता...
कॉपी नहीं, शेयर करें! ;)