Tag: Depression
अवसाद
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सबसे भागकर जाना चाहती थी वो
कहाँ, ये नहीं मालूम
अब सबसे दूर यहाँ कौन सता रहा है उसे
क्या है जिससे वो भाग नहीं पा रही
पैरों में...
अनायास
फिर भी कभी चला जाऊँगा उसी दरवाज़े तक अनायास जैसे,
उस अँधियारे गलियारे में कोई अब तक रहता हो।
फिर भी, दीवार की कील पर अटका...
दुःखी दिनों में
दुःखी दिनों में आदमी कविता नहीं लिखता
दुःखी दिनों में आदमी बहुत कुछ करता है
लतीफ़े सुनाने से ज़हर खाने तक
लेकिन वह कविता नहीं लिखता
दुःखी दिनों...
वे हाथ होते हैं
दुश्मनों की ख़ुशी पर मुझे कुछ नहीं
कहना है। दोस्तों की
उदासी ही
मुझसे यह कविता लिखवा रही है।
जिन अँधेरे रास्तों पर सफ़र
शुरू हुआ था,
वे एकाएक राज-पथ...
अवसाद
अवसाद के लिए दुनिया में कितनी जगह थी
पर उसने चुनी मेरे भीतर की रिक्तता
मेरे भीतर के दृश्य को
देखने वाला कोई नहीं था
आख़िर नीले आसमान...
अवसाद में डूबी औरतें
'Avsaad Mein Doobi Auratein', a poem by Pallavi Vinod
ये अवसाद में डूबी औरतें
कभी निकलना नहीं चाहतीं अपनी उदासी से
इनकी उदासियों को चिरंजीवी
होने का वरदान...
डर लगता है
'Dar Lagta Hai', a nazm by Shahbaz Rizvi
जागती आँखें
नींद से बोझल
ख़्वाब की जुम्बिश
सर्द हवाएँ
काली रातें
डर लगता था... डर लगता है!
सुबह की किरणें
रेंगते बादल
ओस के...
मौत
'Maut', a poem by Shahbaz Rizvi
कितनी उम्र लगती है
मौत तक पहुँचने में
कोशिशें तो करता हूँ
मौत तक पहुँचने की
ज़ीने से उतरते वक़्त
आँख बन्द रखता हूँ
शायद...
निराशा
निराशा भाव मात्र नहीं है,
निराशा एक पूरा ब्रह्मांड है
लेकिन
ब्रह्मांड के गुण के विपरीत जाकर
निराशा ने धरा हुआ है गुरुत्वाकर्षण
जो तुम्हारे सूखे कंठ से बहेगा सिगरेट...