Tag: Devaki Nandan Khatri
चंद्रकांता : पहला भाग – सौलहवाँ बयान
एक दिन तेजसिंह बालादवी के लिए विजयगढ़ के बाहर निकले। पहर दिन बाकी था जब घूमते-फिरते बहुत दूर निकल गए। देखा कि एक पेड़...
चंद्रकांता : पहला भाग – पन्द्रहवाँ बयान
हम पहले यह लिख चुके हैं कि महाराज शिवदत्त के यहाँ जितने ऐयार हैं सभी को तेजसिंह पहचानते हैं। अब तेजसिंह को यह जानने...
चंद्रकांता : पहला भाग – चौदहवाँ बयान
नौगढ़ और विजयगढ़ का राज पहाड़ी है, जंगल भी बहुत भारी और घना है, नदियाँ चंद्रप्रभा और कर्मनाशा घूमती हुईं इन पहाड़ों पर बहती...
चंद्रकांता : पहला भाग – तेरहवाँ बयान
तीन पहर रात गुजर गई, उनके सब दोस्त जो बेहोश पड़े थे, वह भी होश में आए मगर अपनी हालत देख-देख हैरान थे। लोगों...
चंद्रकांता : पहला भाग – बारहवाँ बयान
वीरेंद्रसिंह और तेजसिंह नौगढ़ के किले के बाहर निकल बहुत से आदमियों को साथ लिए चंद्रप्रभा नदी के किनारे बैठ शोभा देख रहे थे।...
चंद्रकांता : पहला भाग – ग्यारहवाँ बयान
क्रूरसिंह को बस एक यही फिक्र लगी हुई थी कि जिस तरह बने वीरेंद्रसिंह और तेजसिंह को मार डालना ही नहीं चाहिए, बल्कि नौगढ़...
चंद्रकांता : पहला भाग – दसवाँ बयान
क्रूरसिंह की तबाही का हाल शहर-भर में फैल गया। महारानी रत्नगर्भा (चंद्रकांता की माँ) और चंद्रकांता इन सभी ने भी सुना। कुमारी और चपला...
चंद्रकांता : पहला भाग – नौवाँ बयान
वीरेंद्रसिंह और तेजसिंह बाग के बाहर से अपने खेमे की तरफ रवाना हुए। जब खेमे में पहुँचे तो आधी रात बीत चुकी थी, मगर...
चंद्रकांता : पहला भाग – आठवाँ बयान
वीरेंद्रसिंह चंद्रकांता से मीठी-मीठी बातें कर रहे हैं, चपला से तेजसिंह उलझ रहे हैं, चम्पा बेचारी इन लोगों का मुँह ताक रही है। अचानक...
चंद्रकांता : पहला भाग – सातवाँ बयान
अहमद के पकड़े जाने से नाजिम बहुत उदास हो गया और क्रूरसिंह को तो अपनी ही फिक्र पड़ गई कि कहीं तेजसिंह मुझको भी...
चंद्रकांता : पहला भाग – छठवाँ बयान
तेजसिंह को विजयगढ़ की तरफ विदाकर वीरेंद्रसिंह अपने महल में आए मगर किसी काम में उनका दिल न लगता था। हरदम चंद्रकांता की याद...
चंद्रकांता : पहला भाग – पाँचवा बयान
अहमद ने, जो बाग के पेड़ पर बैठा हुआ था, जब देखा कि चपला ने नाजिम को गिरफ्तार कर लिया और महल में चली...