Tag: Devi Prasad Mishra
आपके गणतंत्र की एक स्त्री की प्रेमकथा
एक स्त्री प्यार करना चाहती थी
लेकिन प्यार करने से चरित्र नष्ट होता है
स्त्री प्यार करना चाहती थी
किन्तु चरित्र नहीं नष्ट करना चाहती थी
एक स्त्री...
औरतें यहाँ नहीं दिखतीं
औरतें यहाँ नहीं दिखतीं
वे आटे में पिस गई होंगी
या चटनी में पुदीने की तरह महक रही होंगी
वे तेल की तरह खौल रही होंगी, उनमें
घर...
कविताएँ लिखनी चाहिए
जैसा कि एक कवि कहता है कि मातृभाषा में ही लिखी जा सकती है कविता
तो मातृभाषा को याद रखने के लिए लिखी जानी चाहिए...