Tag: dictatorship
क्या तानाशाह जानते हैं
क्या तानाशाह जानते हैं
कि मुसोलिनी के
ज़हर उगलने वाले मुँह में
डाला गया था मरा हुआ चूहा
एक औरत ने सरेआम स्कर्ट उठाकर
मूत दिया था मुसोलिनी के मुँह पर
लटकाया...
सुनो तानाशाह!
सुनो तानाशाह!
एक दिन चला जाऊँगा
एक नियत दिन
जो कई वर्षों से मेरी प्रतीक्षा में बैठा है
मेरी जिजीविषा का एक दिन
जिसका मुझे इल्म तक नहीं है—
क्या...
मत कहना चेतावनी नहीं दी गई थी
आपसी सद्भाव से समाज में शान्ति रहती है
शान्ति में ही सम्भव है प्रगति और विकास
ये अच्छे विचार हैं कुछ लोगों के लिए फ़ायदेमन्द
एक रेशेदार जीभ...
अधिनायक वंदना
जन गण मन अधिनायक जय हे!
जय हे हरित क्रान्ति निर्माता
जय गेहूँ हथियार प्रदाता
जय हे भारत भाग्य विधाता
अंग्रेज़ी के गायक जय हे!
जन गण मन अधिनायक जय...
बाज़
योगेश मिश्रा की कविता 'बाज़' | 'Baaz', a poem by Yogesh Mishra
एक बाज़ ने कब्ज़ाया है एक गाँव
जिसे बसाया था चिड़ियों ने
जिसमें रहते थे...
गौरव भारती की कविताएँ – IV
Poetry by Gaurav Bharti
क़ैद रूहें
उनका क्या
जो नहीं लौटते हैं घर
कभी-कभार
देह तो लौट भी जाती है
मगर रूहें खटती रहती हैं
मीलों में
खदानों में
बड़े-बड़े निर्माणाधीन मकानों में
इस उम्मीद...
तानाशाह
'Tanashah', a poem by Nirmal Gupt
1
तानाशाह की नाक के ठीक नीचे
अदृश्य तितली फड़फड़ाती है
वह जाने कैसे छुपाए रहा
शाश्वत प्यार और
अंतस में खिलने को आतुर
मकरंद भरा गुलाब।
2
तानाशाह
विध्वंस...
डरो
कहो तो डरो कि हाय यह क्यों कह दिया
न कहो तो डरो कि पूछेंगे चुप क्यों हो
सुनो तो डरो कि अपना कान क्यों दिया
न...