Tag: Domestic Violence

Raji Seth

परम्परा

मैं स्त्री हूँ जानती हूँ मुझे बहुत-सा ग़ुस्सा सहना पड़ा था जो वस्तुतः मेरे लिए नहीं था बहुत-सा अपमान जिसे मुझ पर थूकता हुआ इंसान पगलाए होने के बावजूद मुझ पर नहीं कहीं...
Dark, Face, Girl, Woman, Sad

स्त्रियों के हिस्से का सुख

जब कि बरसों बाद स्त्रियों के हिस्से आया है पुरुषों के संग रहने का सुख तो फिर आँकड़े क्यूँ कह रहे हैं कि स्त्रियाँ सबसे अधिक उदास इन दिनों...
Sadness, Grief, Painting, Woman

सभ्य था वो

वो बड़ा सभ्य था, कभी लुगाई पर हाथ न उठाता, बस उसके मुँह पर थूक देता था। वो भी बड़ी संस्कारी, कभी चूँ तक न की, बस सधे हाथ...
Blood Spatter, Violence

हस्तक्षेप का अपराधी

'Hastakshep Ka Apradhi', a poem by Shravan रातों के सन्नाटों में किसी चमगादड़-सी डराती हुई एक चीख़ शृंखलाबद्ध रूप से मेरे कानों में आकर थम जाती है, सिसकियों से गूँजने...
Woman Abstract

त्रियाचरित्र

'Triyacharitra', a poem by Ruchi कुछ औरतें भोली होती हैं, काले-नीले निशानों को छिपाते, होंठों पर हँसी चिपकाते, सुखद दाम्पत्य से अघायी रहती हैं। पर कुछ बड़ी चंट होती...
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