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मिलेना को लिखे काफ़्का के पत्रों के कुछ अंश
किताब अंश: 'लेटर्स टू मिलेना'
अनुवाद: लाखन सिंह
प्रिय मिलेना,
काश! ऐसा हो कि दुनिया कल ख़त्म हो जाए। तब मैं अगली ही ट्रेन पकड़, वियना में...
गली की तरफ खुलती खिड़की
"कोई भी व्यक्ति जो अकेला जीवन जीता है और फिर भी यदा-कदा कहीं जुड़े रहना चाहता है - वह अधिक समय तक एक ऐसी खिड़की के बगैर नहीं रह पाएगा जो बाहर गली में खुलती हो।"
एक छोटी दंतकथा
"आह!", चूहे ने कहा, "पूरी दुनिया प्रतिदिन छोटी होती जा रही है। शुरुआत में यह इतनी बड़ी थी कि मैं डर गया था।
फ़्रांत्स काफ़्का
फ़्रांत्स काफ़्का के उद्धरण | Franz Kafka Quotes in Hindi
अनुवाद: पुनीत कुसुम
"इक पिंजरा, इक पंछी की खोज में निकला।"
"एकान्त स्वयं को जानने का एक ज़रिया...
दम्पति
व्यापार है ही बुरी चीज। मुझे ही लीजिए। दफ्तर के काम से जब थोड़ी देर के लिए भी मुझे छुट्टी मिलती है तो मैं...