Tag: दोस्ती
हारुकी मुराकामी की कहानी ‘सातवाँ आदमी’
कहानी: 'सातवाँ आदमी'
लेखक: हारुकी मुराकामी
जापानी से अनुवाद: क्रिस्टोफ़र एलिशन
हिन्दी अनुवाद: श्रीविलास सिंह
"वह मेरी उम्र के दसवें वर्ष के दौरान सितम्बर का एक अपराह्न था...
सईदा के घर
सईदा के घर तन्दूर पर सिकी रोटियाँ
मैं रोज़ खाती प्याज़ और भुने आलू के साथ
मैं और सईदा मेरी प्यारी सहेली—
हम जाते गलियों से होते हुए
बाज़ार...
सुन्दर लड़की
समुद्र के किनारे एक गाँव था। उसमें एक कलाकार रहता था। वह दिन-भर समुद्र की लहरों से खेलता रहता, जाल डालता और सीपियाँ बटोरता।...
नन्ही बच्चियाँ
'Nanhi Bachchiyaan', a poem by Nirmal Gupt
दो नन्ही बच्चियाँ घर की चौखट पर बैठीं
पत्थर उछालती, खेलती हैं कोई खेल
वे कहती हैं इसे- गिट्टक!
इसमें न...
फ्रेंड रिक्वेस्ट
हम पुराने दोस्त थे,
हम बहुत पुराने दोस्त थे,
साथ-साथ पढ़े, साथ-साथ खेले
और साथ में बचपन की परीक्षा पास कर के जवानी में दाख़िला लिया,
साथ-साथ भारी...
कविता से दोस्ती
बहुत तन्हा रहता हूँ आजकल
बस बीच-बीच में कुछ कवितायें मिलनें आती हैं
बहुत दूर-दूर से, कभी-कभी सरहदों के पार से
कभी अकेले तो कभी अनुवादकों का...
दोज़ख़ी
"क्या मैंने उन मित्रों को माफ नहीं किया था, जो अस्पताल में मुझे देखने या मुझसे मिलने नहीं आए थे, और क्यों उन दुश्मनों के लिए भी मैं नरम हो गया था जो मेरे पलंग के पास आकर खड़े हो गए थे।"
ऐ दोस्त
एक शाम हुआ करती थी
जो ढल गई
तेरे जाने के बाद ऐ दोस्त!
चाय की चुस्कियों में अब
मज़ा नहीं रहा।
बादल गरजते रहे, बरसते भी रहे
चौकोर टेबल,
और वो...
गुल्ली-डंडा
हमारे अँग्रेजी दोस्त मानें या न मानें मैं तो यही कहूँगा कि गुल्ली-डंडा सब खेलों का राजा है। अब भी कभी लड़कों को गुल्ली-डंडा...
एक दोस्त के नाम
'Ek Dost Ke Naam', a nazm by Parveen Shakir
लड़की!
ये लम्हे बादल हैं
गुज़र गए तो हाथ कभी नहीं आएँगे
इन के लम्स को पीती जा
क़तरा-क़तरा भीगती...
एक दोस्त की ख़ुश-मज़ाक़ी पर
"क्या तिरी नज़रों में ये रंगीनियाँ भाती नहीं
क्या हवा-ए-सर्द तेरे दिल को तड़पाती नहीं
क्या नहीं होती तुझे महसूस मुझ को सच बता
तेज़ झोंकों में हवा के गुनगुनाने की सदा..."
मित्र कपटी भी बुरा नहीं होता
"मित्र कपटी भी बुरा नहीं होता, मिष्ठान्न विषयुक्त भी कड़ुवा नहीं होता, और हमारा लेख ऊटपटाँग भी बेमजा नहीं होता!"