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Ganga Prasad Vimal

शान्ति के विरुद्ध एक कविता

सदियों से बोलते आदमी को चुप कराने की साज़िश है शान्ति। हर निर्माण हिंसा से जुड़ा है चाहे वह बाड़ हो सुरक्षा की या प्रतिरक्षा के लिए तनी बन्दूक़। अगला क़दम जब भी...
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