Tag: Girl Education
वो उतना ही पढ़ना जानती थी
वो उतना ही पढ़ना जानती थी
जितना अपना नाम लिख सके
स्कूल उसको मज़दूरों के काम
करने की जगह लगती थी
जहाँ वे माचिस की डिब्बियों
की तरह बनाते थे...
लड़की चाहती है
'Ladki Chahti Hai', a poem by Pratap Somvanshi
घर में काम पर लगे बढ़ई को देखकर
बड़ा होकर बढ़ई बनना चाहती है लड़की
ताकि वह अपने गुड्डे-गुड़िया
के...
लिखने की सार्थकता
रुचि की कविता 'लिखने की सार्थकता' | 'Likhne Ki Saarthakta', a poem by Ruchi
लिखने की सार्थकता जानी थी उन गँवार औरतों ने,
जब अपना नाम...
हम उस दौर में जी रहे हैं
हम उस दौर में जी रहे हैं जहाँ
फेमिनिज्म शब्द ने एक गाली का रूप ले लिया है
और धार्मिक उदघोष नारे बन चुके हैं
जहाँ हत्या,...