Tag: ईश्वर

God, Abstract Human

मृगतृष्णा

जीवन उतना ही जिया जितना मृत्यु नींद में विश्राम करती है। नींद के बाहर एक विशाल मरुथल है लोग कहते हैं— मरुथल के पार कोई ईश्वर रहता है मैं अनवरत...
God, Abstract Human

नदी सरीखे कोमल ईश्वर की रक्षा हेतु

हम जिस भी सर्वोच्च सत्ता के उपासक हैं इत्तेला कर दें उसे शीघ्रातिशीघ्र कि हमारी प्रार्थना और हमारे ईश्वर के मध्य घुसपैठ कर गए हैं धर्म के बिचौलिए बेमतलब...
Naveen Sagar

मेरी दस्तक

यह दस्‍तक हत्‍यारे की है दूर किसी घर में उठी चीख़ों के बाद। हर तरफ़ दम साधे घरों के निहत्‍थे सन्‍नाटे भर हैं हुआ क्‍या आख़िर कि चीख़ों के इस संसार...
Dinkar - D H Lawrence, Aatma Ki Aankhein

ईश्वर की देह

किताब 'आत्मा की आँखें' से कविता: डी एच लॉरेंस अनुवाद: रामधारी सिंह दिनकर ईश्वर वह प्रेरणा है, जिसे अब तक शरीर नहीं मिला है। टहनी के भीतर अकुलाता हुआ फूल, जो...
Woman carrying earth, God

ईश्वर(?) को नसीहत

स्त्रियों को बताया गया— "नर और मादा एक ही गाड़ी के दो पहिए हैं" उन्होंने पूछा कि अगल-बग़ल के या आगे-पीछे के और उन्हें जवाब मिला कि विन्यास...
Yogesh Dhyani

उलट-फेर

सबसे ज़्यादा असुरक्षित हैं वो जो रहते हैं सबसे छोटी झोंपड़ी में सबसे दुर्दान्त अपराधियों के पास हैं सबसे महँगे वकील सबसे कपटी नेता का चरित्र सबसे साफ़ है मीडिया में सबसे ज़्यादा...
Man, Sleep, Painting, Abstract, Closed Eyes, Face

ईश्वर आख़िर जागता क्यों नहीं?

सूरज चोरी चला गया है, एक जिस्म से ग़ायब है रीढ़ की हड्डी। सत्य, अहिंसा, न्याय, शांति सब किसी परीकथा के पात्र हैं शायद और उम्मीद गूलर के...
Aarsi Prasad Singh

बैलगाड़ी

जा रही है गाँव की कच्ची सड़क से लड़खड़ाती बैलगाड़ी! एक बदक़िस्मत डगर से, दूर, वैभवमय नगर से, एक ही रफ़्तार धीमी, एक ही निर्जीव स्वर से, लादकर आलस्य, जड़ता...
God, Abstract Human

तारबंदी

जालियों के छेद इतने बड़े तो हों ही कि एक ओर की ज़मीन में उगी घास का दूसरा सिरा छेद से पार होकर साँस ले सके दूजी हवा में तारों की इतनी...
Viren Dangwal

दुश्चक्र में स्रष्टा

कमाल है तुम्हारी कारीगरी का भगवान, क्या-क्या बना दिया, बना दिया क्या से क्या! छिपकली को ही ले लो, कैसे पुरखों की बेटी छत पर उलटा सरपट भागती छलती...
Shamser Bahadur Singh

ईश्वर अगर मैंने अरबी में प्रार्थना की

यह कविता यहाँ सुनें: https://youtu.be/btEtNpgbADs ईश्वर अगर मैंने अरबी में प्रार्थना की, तू मुझसे नाराज़ हो जाएगा? अल्लमह यदि मैंने संस्कृत में संध्या कर ली तो तू मुझे दोज़ख़ में डालेगा? लोग...
Leeladhar Jagudi

ईश्वर का प्रश्न

यह कविता यहाँ सुनें: https://youtu.be/DDw6iLNjd3E ईश्‍वर तुम शब्‍द हो कि वाक्‍य हो? अर्द्धविराम हो या पूर्णविराम? सम्बोधन हो या प्रश्‍नचिह्न? न्‍याय हो या न्‍यायशास्‍त्री? जन्‍म हो कि मृत्‍यु या तुम बीच...
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