Tag: ईश्वर
मृगतृष्णा
जीवन उतना ही जिया
जितना मृत्यु नींद में विश्राम करती है।
नींद के बाहर
एक विशाल मरुथल है
लोग कहते हैं—
मरुथल के पार कोई ईश्वर रहता है
मैं अनवरत...
नदी सरीखे कोमल ईश्वर की रक्षा हेतु
हम जिस भी सर्वोच्च सत्ता के उपासक हैं
इत्तेला कर दें उसे
शीघ्रातिशीघ्र
कि हमारी प्रार्थना और हमारे ईश्वर के मध्य
घुसपैठ कर गए हैं धर्म के बिचौलिए
बेमतलब...
मेरी दस्तक
यह दस्तक हत्यारे की है
दूर किसी घर में उठी चीख़ों के बाद।
हर तरफ़ दम साधे
घरों के निहत्थे सन्नाटे भर हैं
हुआ क्या आख़िर
कि चीख़ों के इस संसार...
ईश्वर की देह
किताब 'आत्मा की आँखें' से
कविता: डी एच लॉरेंस
अनुवाद: रामधारी सिंह दिनकर
ईश्वर वह प्रेरणा है,
जिसे अब तक शरीर नहीं मिला है।
टहनी के भीतर अकुलाता हुआ फूल,
जो...
ईश्वर(?) को नसीहत
स्त्रियों को बताया गया—
"नर और मादा एक ही गाड़ी के दो पहिए हैं"
उन्होंने पूछा कि अगल-बग़ल के
या आगे-पीछे के
और उन्हें जवाब मिला कि विन्यास...
उलट-फेर
सबसे ज़्यादा असुरक्षित हैं वो
जो रहते हैं सबसे छोटी झोंपड़ी में
सबसे दुर्दान्त अपराधियों के पास हैं
सबसे महँगे वकील
सबसे कपटी नेता का चरित्र
सबसे साफ़ है मीडिया में
सबसे ज़्यादा...
ईश्वर आख़िर जागता क्यों नहीं?
सूरज चोरी चला गया है,
एक जिस्म से ग़ायब है रीढ़ की हड्डी।
सत्य, अहिंसा, न्याय, शांति
सब किसी परीकथा के पात्र हैं शायद
और उम्मीद गूलर के...
बैलगाड़ी
जा रही है गाँव की कच्ची सड़क से
लड़खड़ाती बैलगाड़ी!
एक बदक़िस्मत डगर से,
दूर, वैभवमय नगर से,
एक ही रफ़्तार धीमी,
एक ही निर्जीव स्वर से,
लादकर आलस्य, जड़ता...
तारबंदी
जालियों के छेद
इतने बड़े तो हों ही
कि एक ओर की ज़मीन में उगी
घास का दूसरा सिरा
छेद से पार होकर
साँस ले सके
दूजी हवा में
तारों की
इतनी...
दुश्चक्र में स्रष्टा
कमाल है तुम्हारी कारीगरी का भगवान,
क्या-क्या बना दिया, बना दिया क्या से क्या!
छिपकली को ही ले लो,
कैसे पुरखों की बेटी
छत पर उलटा सरपट भागती
छलती...
ईश्वर अगर मैंने अरबी में प्रार्थना की
यह कविता यहाँ सुनें:
https://youtu.be/btEtNpgbADs
ईश्वर अगर मैंने अरबी में
प्रार्थना की, तू मुझसे
नाराज़ हो जाएगा?
अल्लमह यदि मैंने संस्कृत में
संध्या कर ली तो तू
मुझे दोज़ख़ में डालेगा?
लोग...
ईश्वर का प्रश्न
यह कविता यहाँ सुनें:
https://youtu.be/DDw6iLNjd3E
ईश्वर तुम शब्द हो कि वाक्य हो?
अर्द्धविराम हो या पूर्णविराम?
सम्बोधन हो या प्रश्नचिह्न?
न्याय हो या न्यायशास्त्री?
जन्म हो कि मृत्यु
या तुम बीच...