Tag: Gopaldas Neeraj
प्रेम-पथ हो न सूना
प्रेम-पथ हो न सूना कभी, इसलिए
जिस जगह मैं थकूँ, उस जगह तुम चलो।
क़ब्र-सी मौन धरती पड़ी पाँव पर
शीश पर है कफ़न-सा घिरा आसमाँ,
मौत की...
कारवाँ गुज़र गया
स्वप्न झरे फूल से
मीत चुभे शूल से
लुट गए सिंगार सभी बाग़ के बबूल से
और हम खड़े-खड़े बहार देखते रहे
कारवाँ गुज़र गया, ग़ुबार देखते रहे!
नींद भी...
दुःख ने दरवाज़ा खोल दिया
मैंने तो चाहा बहुत कि अपने घर में रहूँ अकेला, पर—
सुख ने दरवाज़ा बन्द किया, दुःख ने दरवाज़ा खोल दिया।
मन पर तन की साँकल...
प्यार की कहानी चाहिए
आदमी को आदमी बनाने के लिए
ज़िन्दगी में प्यार की कहानी चाहिए
और कहने के लिए कहानी प्यार की
स्याही नहीं, आँखों वाला पानी चाहिए।
जो भी कुछ...
आदमी को प्यार दो
सूनी-सूनी ज़िन्दगी की राह है
भटकी-भटकी हर नज़र-निगाह है
राह को सँवार दो
निगाह को निखार दो
आदमी हो तुम कि उठो, आदमी को प्यार दो।
दुलार दो।
रोते हुए...
धनिकों के तो धन हैं लाखों
धनिकों के तो धन हैं लाखों
मुझ निर्धन के धन बस तुम हो!
कोई पहने माणिक माल
कोई लाल जुड़ावे
कोई रचे महावर मेहँदी
मुतियन माँग भरावे
सोने वाले, चाँदी वाले
पानी...
विश्व चाहे या न चाहे
विश्व चाहे या न चाहे,
लोग समझें या न समझें,
आ गए हैं हम यहाँ तो गीत गाकर ही उठेंगे।
हर नज़र ग़मगीन है, हर होठ ने...
मुझको याद किया जाएगा
'Mujhko Yaad Kiya Jaega', a poem by Gopaldas Neeraj
आँसू जब सम्मानित होंगे, मुझको याद किया जाएगा
जहाँ प्रेम का चर्चा होगा, मेरा नाम लिया जाएगा।
मान-पत्र...
इसीलिए तो नगर-नगर
'Isiliye Toh Nagar Nagar', a poem by Gopaldas Neeraj
इसीलिए तो नगर-नगर बदनाम हो गए मेरे आँसू
मैं उनका हो गया कि जिनका कोई पहरेदार नहीं था।
जिनका...
जितना कम सामान रहेगा
'Jitna Kam Saman Rahega', a poem by Gopaldas Neeraj
जितना कम सामान रहेगा
उतना सफ़र आसान रहेगा
जितनी भारी गठरी होगी
उतना तू हैरान रहेगा
उससे मिलना नामुमकिन है
जब तक...
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है।
सपना क्या है, नयन सेज पर
सोया हुआ...
धर्म है
जिन मुश्किलों में मुस्कुराना हो मना,
उन मुश्किलों में मुस्कुराना धर्म है।
जिस वक़्त जीना ग़ैर मुमकिन सा लगे,
उस वक़्त जीना फ़र्ज़ है इंसान का,
लाज़िम लहर के साथ...