Tag: Gopaldas Neeraj

Gopaldas Neeraj

अब ज़माने को ख़बर कर दो कि ‘नीरज’ गा रहा है

अब ज़माने को ख़बर कर दो कि 'नीरज' गा रहा है.. जो झुका है वह उठे अब सर उठाए, जो रुका है वह चले नभ चूम आए, जो...
Gopaldas Neeraj

गोपालदास नीरज के दोहे

हम तो बस इक पेड़ हैं, खड़े प्रेम के गाँव ख़ुद तो जलते धूप में, औरों को दें छाँव आत्मा के सौंदर्य का, शब्द रूप है...
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लिटरेचर का एंज्वायमेंट होंठों पर है

जो समाज के होंठों पर रहेगा, वही भविष्य में जीवित रहेगा। काग़ज़ पर छपकर, घरों और लाइब्रेरी में बन्द होकर नहीं।
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स्वर्ग दूत से (ऐसी क्या बात है)

ऐसी क्या बात है, चलता हूँ अभी चलता हूँ गीत एक और ज़रा झूम के गा लूँ तो चलूँ! भटकी-भटकी है नज़र, गहरी-गहरी है निशा उलझी-उलझी है...
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मैं पीड़ा का राजकुँवर हूँ

मैं पीड़ा का राजकुँवर हूँ तुम शहज़ादी रूप नगर की हो भी गया प्यार हम में तो बोलो मिलन कहाँ पर होगा? मीलों जहाँ न पता...
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