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Poems by Niki Pushkar

निकी पुष्कर की कविताएँ

Poems: Niki Pushkar आदत सहेजने की पुरानी आदत है मेरी तुमसे भी जब जो मिला, मैंने सहेजकर हृदय में रख लिया, तुम्हारी हर एक बात, हर एक भाव-भंगिमा, सारे संवाद, मुलाक़ात की तारीख़ें, मुलाक़ात...
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