Tag: Hafeez Merathi
बेसहारों का इंतिज़ाम करो
बेसहारों का इंतिज़ाम करो
यानी इक और क़त्ल-ए-आम करो
ख़ैर-ख़्वाहों का मशवरा ये है
ठोकरें खाओ और सलाम करो
दब के रहना हमें नहीं मंज़ूर
ज़ालिमो जाओ अपना काम...
चाहे तन मन सब जल जाए
चाहे तन मन सब जल जाए
सोज़-ए-दरूँ पर आँच न आए
शीशा टूटे ग़ुल मच जाए
दिल टूटे आवाज़ न आए
बहर-ए-मोहब्बत तौबा! तौबा!
तैरा जाए न डूबा जाए
ऐ...