Tag: He Meri Tum

Kedarnath Agarwal

फूल तुम्हारे लिए खिला है

हे मेरी तुम! फूल तुम्हारे लिए खिला है- लाल-लाल पंखुरियाँ खोले गजब गुलाब। हे मेरी तुम! इसे देखकर चूमो; चूम-चूमकर झूमो; झूम-झूम कर नाच-गाओ; कुटिल काल देखे, मुँह बाये, मुग्ध-मगन हो जाये, नेह-नीर हो बरसे-हरसे; जड़...
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