Tag: Inequality
एक को कहते सुना
एक को कहते सुना—
हम तो हैं ब्राह्मण
हमें है मालूम
कहाँ, किधर, किस दिशा में
हैं देखते भगवन
हमारी ही है ठेकेदारी
हमारे ही हैं देवता
और हमारी ही देवनारी।
एक...
अमीरी रेखा
मनुष्य होने की परम्परा है कि वह किसी कंधे पर सिर रख देता है
और अपनी पीठ पर टिकने देता है कोई दूसरी पीठ
ऐसा होता...
अपने हिस्से में लोग आकाश देखते हैं
यह कविता यहाँ सुनें:
https://youtu.be/pUtSK1ATCx4
अपने हिस्से में लोग आकाश देखते हैं
और पूरा आकाश देखे लेते हैं।
सबके हिस्से का आकाश
पूरा आकाश है।
अपने हिस्से का चन्द्रमा देखते...
कविताएँ: दिसम्बर 2020
स्वाद
शहर की इन
अंधेरी झोपड़ियों में
पसरा हुआ है
मनो उदासियों का
फीकापन
दूसरी तरफ़
रंगीन रोशनियों से सराबोर
महलनुमा घरों में
उबकाइयाँ हैं
ख़ुशियों के
अतिरिक्त मीठेपन से
धरती घूमती तो है
मथनी की तरह...
रोटले को नज़र लग गई
सुबह के कामों से फ़ारिग होते ही उसका पहला काम होता रोटला बनाना। वह हर रोज़ गिनकर चार रोटला बनाती; बाजरी के आटे में...
रगों में दौड़ती असमानता
सभी इंसान एक जैसे होते हैं,
सभी के रगों में ख़ून दौड़ता है,
मेरी इस गलतफ़हमी का दम घोंट दिया
तुम्हारे बाएँ हाथ की मसरूफ़ियत के बीच
तुम्हारे...