Tag: Irony

Sushant Supriye

कविताएँ: नवम्बर 2020

विडम्बना कितनी रोशनी है फिर भी कितना अँधेरा है कितनी नदियाँ हैं फिर भी कितनी प्यास है कितनी अदालतें हैं फिर भी कितना अन्याय है कितने ईश्वर हैं फिर भी कितना अधर्म...
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