Tag: Jaan Nisaar Akhtar
हम ने काटी हैं तेरी याद में रातें अक्सर
हम ने काटी हैं तेरी याद में रातें अक्सर
दिल से गुज़री हैं सितारों की बरातें अक्सर
और तो कौन है जो मुझको तसल्ली देता
हाथ रख...
अच्छा है उनसे कोई तक़ाज़ा किया न जाए
अच्छा है उनसे कोई तक़ाज़ा किया न जाए
अपनी नज़र में आप को रुस्वा किया न जाए
हम हैं, तेरा ख़याल है, तेरा जमाल है
इक पल...
अशआर मेरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं
अशआर मेरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं
कुछ शेर फ़क़त उनको सुनाने के लिए हैं
अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें
कुछ...
तजज़िया
मैं तुझे चाहता नहीं लेकिन
फिर भी जब पास तू नहीं होती
ख़ुद को कितना उदास पाता हूँ
गुम-से अपने हवास पाता हूँ
जाने क्या धुन समायी रहती है
इक...
आख़िरी मुलाक़ात
'Aakhiri Mulaqat'
Jaan Nisaar Akhtar
मत रोको इन्हें पास आने दो
ये मुझ से मिलने आए हैं
मैं ख़ुद न जिन्हें पहचान सकूँ
कुछ इतने धुँधले साए हैं
दो पाँव...
गर्ल्स कॉलेज की लारी
"उसकी एक पंक्ति 'कमबख़्त ने गाने न दिया एक भी गाना' गर्ल्स कॉलेज में इतनी मक़बूल हुई कि स्थायी रूप से लड़कियों की उस सुपरवाइजर का संक्षिप्त नाम (Nickname) 'कमबख़्त' पड़ गया।"