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जेम्स पैट्रिक किनी की कविता ‘अन्दर की सर्दी’
Poem: 'The Cold Within' by James Patrick Kinney
अनुवाद: प्रीता अरविन्द
पूस की घनी अँधेरी सर्द रात में
छः राहगीर जो एक-दूसरे से
परिचित न थे,
एक मुसाफ़िरख़ाने में बैठे...