Tag: Jasbir Singh Ahluwalia

Jar, Boat, Paper Boat

इस बार जीवित रहे तो…

यदि इस बार सावन आया यदि जमकर बादल बरसे यदि रिमझिम-रिमझिम हो गयी कोई भीगा मन तक आया काग़ज़ की कश्तियों को तुम्हारी और अपनी को पानी में बहाएँगे नौका में...
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