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Kailash Manhar

डरावना स्वप्न

लम्बी कविता: डरावना स्वप्न (एक) हर रात वही डरावना सपना लगभग तीन से चार बजे के बीच आता है और रोम-रोम कँपा जाता है बहुत घबराहट के साथ पसीने-पसीने हुआ-सा...
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