Tag: Kamlesh Biswas
एक कतरा गाल पर ठहरा रहा
एक कतरा गाल पर ठहरा रहा
और उदासी में खलल पड़ता रहा
खुद ही अपने घोंसले बर्बाद कर
इक परिंदा उम्र भर रोता रहा
चारागर को वो सलाह...
अंधा शख़्स
एक अंधा शख्स निकला हुआ है,
किसी आँख वाले का खून करने।
वो उसे मिटा देना चाहता है अपने अस्तित्व से।
वो छीनना चाहता है उससे वो...
मेरा ख़याल
मेरा ख़याल शायद काले पानी की सज़ा काट रहा है
घुटन और अंधेरे में अब जाने कितने साल हो गए हैं
अब तो रौशनी से मिलने...
गुम
सुनो एक बात कहनी है
मुझे तुमसे ही कहनी है
मेरे सपने ग़ज़ब उन्माद करते रोज़ रोते हैं,
कोई ख़ाली पड़ा एक जाम के बोतल के जैसा...
बेदार लम्हा
बेदार लम्हा सरे दीवारों से कह रहा है।
सुनो दीवारों,
अगरचे ये वक़्त एक लम्बे अरसे से चल रहा है,
और इस सफ़र में किसी को ग़म तो किसी...