Tag: Kedar Diary

Lakhan Singh

केदार डायरी

रेगिस्तान की तरह सूखा हूँ समुन्द्र-सा अकेला और पहाड़ों की तरह उदास मैं ही तो हूँ क्या ही हूँ मैं। तीर्थयात्राएँ पवित्र करती हैं शरीर और मन, कैथार्सिस (catharsis)...
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