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चुम्बन
'Chumban', a poem by Rahul Meena
आदिवासियों का प्रकृति को चूमना
माता का पुत्र को चूमना
धरती का सूर्य को चूमना
रेत का पानी को चूमना
है किसी के चूमे...
चूमना, प्रेम में हूँ, नाराज़गी
Poems: Paritosh Kumar Piyush
चूमना
(एक)
उसे चूमते हुए
मैंने जाना
सचमुच
इस ग्रह पर
होठों से बेहतरीन जगह
कहीं और नहीं होती...
(दो)
साल दो हज़ार सोलह के अगस्त की
वह कोई अलसायी-सी शाम रही...
देह का संगीत
मूझे चूमो
और फूल बना दो,
मुझे चूमो
और फल बना दो,
मुझे चूमो
और बीज बना दो,
मुझे चूमो
और वृक्ष बना दो,
फिर मेरी छाँह में बैठ रोम-रोम जुड़ाओ।
मुझे चूमो
हिमगिरि...
प्रेम की भाषा
आँखों की अभिव्यक्ति
संसार की श्रेष्ठतम अभिव्यक्ति है,
आलिंगन संसार की सर्वोत्तम
चिकित्सा पद्धति है,
स्पर्श से बेहतरीन कोई
अनुवाद नहीं,
चुम्बन से उच्चतर कोई
अनुभूति नहीं।
प्रेम की अभिव्यक्ति
दो आत्माओं के...
भ्रम
स्मृतियों में
सहेजने के तौर पर
दिए गए सभी चुम्बन
पीड़ा में ऐसे भ्रम बनाए रखते हैं,
मानो आँख खुलते ही
ईश्वर सामने नज़र आ जाएगा।
यूँ बंद आँखों के...
ज़बानों का बोसा
ज़बानों के रस में ये कैसी महक है
ये बोसा कि जिससे मोहब्बत की सहबा की उड़ती है ख़ुश्बू
ये बद-मस्त ख़ुश्बू जो गहरा ग़ुनूदा नशा...
मैं चाहती हूँ
'Main Chahti Hoon', a poem by Harshita Panchariya
मैं चाहती हूँ तुम
मुझे ऐसे चूमो
जैसे चूमती है हवा
फूलों को
और बिखेर देती है
अपनी गंध।
मैं चाहती हूँ तुम
मुझे...
तुम्हारे होंठ मेरे लिए नए हैं
इन्हें कैसे स्पर्श किया जाए
मेरी उँगलियों के पास
वह कला नहीं है
तुम्हारे होंठ मेरे लिए
बिल्कुल नए हैं
जैसे नई है
यह ऋतु बासन्ती,
जैसे पिछले शरद के पहले
नए...
मैं चूम लूँगा
एक दिन मैं चूम लूँगा―
तुम्हारे माथे की लिपिबद्ध आभा को,
आँखों में ठहरी हुई तन्मयता को,
कानों में अपेक्षित ध्वनि-लिप्सा को,
अधरों पे उठते स्पंदन को,
गालों के...