Tag: Kunj Bihari Choubey

Bird, Window

यदि मैं भी चिड़िया बन पाता

यदि मैं भी चिड़िया बन पाता! तब फिर क्या था रोज़ मजे़ से, मैं मनमानी मौज उड़ाता! नित्य शहर मैं नए देखता, आसमान की सैर लगाता! वायुयान की सी...
कॉपी नहीं, शेयर करें! ;)