Tag: Labours

Kaynaat

कायनात की कविताएँ

1 इश्क़, तुम मेरी ज़िन्दगी में आओ तो यूँ आओ कि जैसे किसी पिछड़े हुए गाँव में कोई लड़की घण्टों रसोई में खपने के बाद पसीने से भीगी बाहर...
Adarsh Bhushan

अमलदारी

इससे पहले कि अक्षुण्णताओं के रेखाचित्र ढोते अभिलेखागारों के दस्तावेज़ों में उलटफेर कर दी जाए, उन सारी जगहों की शिनाख़्त होनी चाहिए जहाँ बैठकर एक कुशल और समृद्ध समाज की कल्पनाओं के...
Virag Vinod

विराग की कविताएँ

प्रतीक्षा हमारे ख़ून में है जिन दिनों हम गर्भ में थे सरकारी अस्पताल की लाइन में लगी रहती माँ और डॉक्टर लंच के लिए उठ जाता, कहते...
Shiv Kushwaha

शिव कुशवाहा की कविताएँ

दुनिया लौट आएगी निःशब्दता के क्षणों ने डुबा दिया है महादेश को एक गहरी आशंका में जहाँ वीरान हो चुकी सड़कों पर सन्नाटा बुन रहा है एक भयावह परिवेश एक...
Rohit Thakur

घटना नहीं है घर लौटना

रोहित ठाकुर : तीन कविताएँ घर लौटते हुए किसी अनहोनी का शिकार न हो जाऊँ दिल्ली - बम्बई - पूना - कलकत्ता न जाने कहाँ-कहाँ से पैदल चलते...
Rahul Boyal

राहुल बोयल की कविताएँ

1 नदियों में लहलहा रहा था पानी और खेतों में फ़सल, देखकर हर ओर हरियाली हरा हो ही रहा था मन कि अचानक फट पड़ता है बेवक़्त काला पड़ा हुआ...
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