Tag: Lagbhag Jeevan
प्रश्नवाचक हम
जयन्तियाँ मनाते
या शोकसभाएँ करते
बीतती है हमारी ज़िन्दगी
या तो हम परीक्षाएँ लेते हैं
या देते हैं...
स्वागत अथवा विदाई
सम्वादअथवा विवाद
हमारी ज़िन्दगी के पर्याय है।
मित्रों! हम ऐसे यात्री हैं
जिनके गले...
प्रश्न
एक नहीं
सैकड़ों सीताएँ
मेरे नगर में घूमती हैं।
अपनी लंका छोड़ कर
बहुत से रावण
यहाँ पर आ गये हैं।
मुझे इतना बता दो
इस युग का
राम किधर है?
नये अँधेरे में
आज, ज़िन्दगी
मसीहा बनना चाहती है
कब्रें खोद-खोद
गड़े मुर्दे उखाड़
हरेक को
तर्क वितर्क की सीमाओं में
कायर और भ्रष्ट
सिद्ध करना चाहती है।
आज, जिन्दगी
मसीहा बनना चाहती है।
क्रॉस पर टंगे...
विडम्बना
शहर में एक जीप
सुबह से चक्कर
लगा रही थी
हर बार एक ही
राग गा रही थी
आज आपके शहर में
शाम ठीक चार बजे
नये मंत्रीजी पधार रहे हैं
उनके...
लक्ष्य-भेद
बोलो बेटे अर्जुन!
सामने क्या देखते हो तुम?
संसद? सेक्रेटेरिएट? मंत्रालय? या मंच??
अर्जुन बोला तुरन्त
गुरुदेव! मुझे सिवा कुर्सी के कुछ भी नज़र नहीं आता!
पुलकित गुरु बोले...
कालान्तरण
"तुम्हारे चिकने शरीर पर हाथ फेरते समय
शरीर की नसें झनझनाने की जगह
रसोई में रखे खाली डिब्बे बजने लगते हैं
जब भी गीत गुनगुनाने के लिए हिलाता हूँ होंठ
मुँह से प्रसारित होने लगते हैं बाजार भाव..."
सुबह की तलाश
"वे अपने आंगन में
एक किरण उतारने
एक गुलाब खिलाने की कला में
हर बार चूक गये।"
जानवर भी अब सहमे-सहमे से रहते हैं
जानवर भी अब सहमे-सहमे से रहते हैं,
सुना है कि यहाँ इंसानों की बस्ती है।
ज़िन्दगी का हर मोड़ एक प्रश्न है,
चाहे जितनी ले लो, मौत...