Tag: Letter from a father to his daughter
सरग़ना राजा हो गया
‘पिता के पत्र पुत्री के नाम’ से – जवाहरलाल नेहरू के ख़त, इंदिरा गाँधी को
अनुवाद: प्रेमचंद
बूढ़े सरग़ना ने हमारा बहुत-सा वक़्त ले लिया। लेकिन हम उससे...
ख़ानदान का सरग़ना कैसे बना
अनुवाद: प्रेमचंद
मुझे भय है कि मेरे ख़त कुछ पेचीदा होते जा रहे हैं। लेकिन अब ज़िन्दगी भी तो पेचीदा हो गई है। पुराने ज़माने...
खेती से पैदा हुई तब्दीलियाँ
अनुवाद: प्रेमचंद
अपने पिछले ख़त में मैंने कामों के अलग-अलग किए जाने का कुछ हाल बतलाया था। बिल्कुल शुरू में जब आदमी सिर्फ़ शिकार पर...