Tag: Love at middle age
प्रेम
'Prem', a poem by Sapna Shrivastava
उम्र की दहलीज़ जब तीस-पैंतीस के पार सरकती है
तो नज़रें अशेष प्रेम से भी ज़्यादा
शेष दायित्व देखती हैं,
आकाँक्षाओं की...
गूँगे का गुड़
'Goonge Ka Gud', a poem by Niki Pushkar
पकी देह में कच्चा मन
रहता है,
संकोच, लिहाज़, मर्यादा
सब के सब योग्यता की
परीक्षा पर
प्रतिपल तत्पर बैठे होते हैं,
वाणी बन्दी...
अधेड़ उम्र का प्रेम
'Adhed Umr Ka Prem', a poem by Sarika Pareek
अधेड़ उम्र की औरतों
का प्रेम
चमगादड़ के बिलों
की तरह
जालों और अंधेरों में
म्लान
पायरिया की गंध लिए
निराश्रय
रोड पर पड़ा
बीमार...