Tag: Love in Independent

Rahul Boyal

प्रेम भी एक जटिल तंत्र है

मेरा हृदय ठोस है मगर उसमें द्रव भरा है यह द्रव उसके होंठों के रंग से गहरा है मैं द्रव नहीं हो सकता क्योंकि मुझ पर एक जिस्म...
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