Tag: Love vs Lust
मिलना तो मन का होता है
मिलना तो मन का होता है, तन की क्या दरकार बटोही।
जो मिलकर भी मिल न सके हों
सोचो तो उनकी मजबूरी,
धन्यवाद उसको जिसने की
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कुण्ठाओं का स्खलन
'Kunthaaon Ka Skhalan', a poem by Ruchi
मैंने प्रेम को स्पर्श भर जाना और स्पर्श से महसूस करना चाहा प्रेम,
उसने मुझे सिखाया दूर बैठ आँखें...
वह प्रेम में नहीं, देह में स्थिर था
'Wah Prem Mein Nahi, Deh Mein Sthir Tha', a poem by Saraswati Mishra
वह देह में खोज रहा था प्रेम
ठीक उसी समय सुदूर बैठी वह
प्रेम...