Tag: Love vs Lust

Balbir Singh Rang

मिलना तो मन का होता है

मिलना तो मन का होता है, तन की क्या दरकार बटोही। जो मिलकर भी मिल न सके हों सोचो तो उनकी मजबूरी, धन्यवाद उसको जिसने की और अधिक...
Flowers in Hands, Love, Sex, Intimacy

कुण्ठाओं का स्खलन

'Kunthaaon Ka Skhalan', a poem by Ruchi मैंने प्रेम को स्पर्श भर जाना और स्पर्श से महसूस करना चाहा प्रेम, उसने मुझे सिखाया दूर बैठ आँखें...
Sensual Hands, Intimate

वह प्रेम में नहीं, देह में स्थिर था

'Wah Prem Mein Nahi, Deh Mein Sthir Tha', a poem by Saraswati Mishra वह देह में खोज रहा था प्रेम ठीक उसी समय सुदूर बैठी वह प्रेम...
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