Tag: Maithilisharan Gupt
जीवन की ही जय है
मृषा मृत्यु का भय है
जीवन की ही जय है।
जीव की जड़ जमा रहा है
नित नव वैभव कमा रहा है
पिता पुत्र में समा रहा है
यह...
नर हो, न निराश करो मन को
नर हो, न निराश करो मन को।
कुछ काम करो, कुछ काम करो
जग में रहकर कुछ नाम करो
यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो
समझो जिसमें यह...