Tag: Manbahadur Singh

Bow Down

ख़ुदा होने के लिए

किस जाति या भाषा का मंसूबा तुम हो ठीक है पर इतनी बड़ी देह में कहीं रोयाँ भर वह जगह है जिस पर उँगली रख तुम...
Woman in front of a door

प्रेम

वह औरत आयी और धीरे से दरवाज़े का पर्दा उठा भीतर खिल गई कमरों के पार आख़िरी कमरे की रोशन फाँक से तब से मुझे घूर रही है पर दीवार की...
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