Tag: Married Life

Letter

अपेक्षाओं के बियाबान

सिलीगुड़ी 4 फ़रवरी, 70 आदरणीय दादा सादर प्रणाम कल रात फिर वही स्वप्न देखा। मैं और सुरभित समुद्र किनारे क़दमों के निशान छोड़ते बढ़े जा रहे हैं। अपर्णा...
Giriraj Kishore

नायक

'रिश्ता और अन्य कहानियाँ' से आँगन में वह बाँस की कुर्सी पर पाँव उठाए बैठा था। अगर कुर्ता-पाजामा न पहने होता तो सामने से आदिम...
premchand

खुचड़

यह कहानी यहाँ सुनें: https://youtu.be/bFOAalbYyOk बाबू कुन्दनलाल कचहरी से लौटे तो देखा कि उनकी पत्नीजी एक कुँजड़िन से कुछ साग-भाजी ले रही हैं। कुँजड़िन पालक टके...
Tarannum Riyaz

बुलबुल

"और फिर मुझे दिन-भर करना ही क्या होता है। वो ठीक ही कहते हैं, काम वाली कपड़े धोती है, सफ़ाई करती है। अब ऐसा कौन-सा काम रह जाता है। ज़रा सा बच्चों को ही तो देखना होता है।"
Harivansh Rai Bachchan

मेरे जीवन का सबसे बड़ा काम

"तेज, मैंने रात को यह स्वप्न देखा है कि जैसे मर गया हूँ।" मृत्यु के बाद चन्द्रगुप्त ने बच्चन से पूछा कि उन्होंने जीवन में सबसे बड़ा काम क्या किया था, तो बच्चन के मन में आया कि कह दूँ 'मधुशाला' लिखी है, लेकिन फिर कुछ और जवाब दे दिया.. और इस जवाब में ही इस कविता का सार भी छिपा है.. ज़रूर पढ़िए! :)
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